थायराइड कैंसर: लक्षण, निदान और उपचार

थायराइड कैंसर लक्षण, निदान और उपचार

प्रस्तावना: थायराइड कैंसर एक अवरोधी रोग है जो थायराइड ग्रंथि में विकसित होता है। यह ग्रंथि शरीर की ऊपरी हिस्से में गले के स्तन के पीछे स्थित होती है और थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन करती है। यह हार्मोन महत्वपूर्ण शारीरिक क्रियाएं नियंत्रित करते हैं, जैसे कि ऊर्जा लेवल, दिल की धड़कन, वजन, और शरीर का तापमान। थायराइड कैंसर की विकास दर महिलाओं और पुरुषों दोनों के बीच बराबर होती है। इस लेख में, हम थायराइड कैंसर के लक्षण, निदान, और उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।

भाग 1: थायराइड कैंसर के लक्षण

थायराइड कैंसर के लक्षण सामान्य रूप से अन्य थायराइड समस्याओं के लक्षणों से भिन्न होते हैं। कैंसर के शुरुआती अवस्था में, इसके लक्षण अस्पष्ट और गैर-विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा समझने में कठिनाई हो सकती है। नीचे दिए गए कुछ प्रमुख लक्षण हैं:

गले में गांठ:

थायराइड कैंसर के एक सामान्य लक्षण में गले के स्तन के पीछे गांठ का अनुभव होता है। यह गांठ अक्सर स्थानीय असमर्थन के कारण हो सकती है और जब यह बढ़ती है, तो श्वसन और निगलने में तकलीफ पैदा कर सकती है।

गले में दर्द:

थायराइड कैंसर के विकसित होने पर गले में दर्द भी हो सकता है। यह दर्द धीरे-धीरे बढ़ सकता है और समय के साथ अधिक तकलीफदेह हो सकता है।

सूजन:

थायराइड कैंसर के कुछ प्रकारों में, सूजन और भारीपन का अनुभव हो सकता है, जिससे व्यक्ति को गले की भावना होती है।

खांसी और ठहराव:

थायराइड कैंसर के विकसित होने पर खांसी और ठहराव भी हो सकता है। यह लक्षण अन्य वायु मार्गीय समस्याओं से भिन्न होता है और बार-बार वापस आने वाला खांसी विकसित हो सकता है।

गले में दिक्कत और गांठ के दिक्कत:

थायराइड कैंसर के विकसित होने पर व्यक्ति को गले में दिक्कत और गांठ की एक अनैतिक भावना होती है।

वजन कमी: कुछ थायराइड कैंसर के मामूली लक्षणों में वजन कमी भी शामिल हो सकती है। थायराइड हार्मोन के अनियमित उत्पादन के कारण शरीर की ऊर्जा खपत में वृद्धि होती है, जिससे वजन कम हो सकता है।

साँस लेने में तकलीफ: थायराइड कैंसर के विकसित होने पर साँस लेने में तकलीफ हो सकती है, जिसका मुख्य कारण गले में गांठ का दबाव होता है।

यदि आपको ये लक्षण महसूस हो रहे हैं तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। ध्यान रहे कि ये लक्षण थायराइड कैंसर के सिवाय भी कई अन्य समस्याओं के कारण हो सकते हैं, इसलिए सही निदान के लिए अधिक जांच करवाना महत्वपूर्ण है।

भाग 2: थायराइड कैंसर के निदान

थायराइड कैंसर के निदान के लिए विभिन्न विधियों का उपयोग किया जाता है। नीचे विभिन्न निदान प्रक्रियाएं बताई गई हैं:

  1. शारीरिक परीक्षण: चिकित्सक एक शारीरिक परीक्षण करेंगे जिसमें वे गले के स्तन के पीछे स्थित गांठ की जांच करेंगे। यह परीक्षण अक्सर थायराइड कैंसर के लक्षणों के कारण संदिग्ध होने पर किया जाता है।
  2. उपचार इमेजिंग: गले के रोगी के शरीर के अंदर की गांठों का और थायराइड ग्रंथि का तस्वीरी ज्ञान प्राप्त करने के लिए उपचार इमेजिंग का उपयोग किया जाता है। इसमें फुल बॉडी स्कैन, यूल्ट्रासाउंड, कंप्यूटेड टॉमोग्राफी (CT) और मैग्नेटिक रेजनेंस इमेजिंग (MRI) शामिल होते हैं।
  3. बायोप्सी: अगर गांठ संदिग्ध होती है तो चिकित्सक एक बायोप्सी कर सकते हैं, जिसमें गांठ के नमूने को जांचने के लिए सुसंगत तकनीक का उपयोग किया जाता है।
  4. थायराइड स्कैन: इस टेस्ट में रेडियोएक्टिव रेखा उपयोग करके चिकित्सक थायराइड ग्रंथि का अध्ययन करते हैं और कैंसर के विकसित होने पर इसकी चित्रण योग्यता देखते हैं।
  5. थायराइड रियोड इंजेक्शन (टीआरआई): यह टेस्ट थायराइड कैंसर के निर्धारण के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। इसमें थायराइड रियोड इंजेक्शन देकर थायराइड ग्रंथि के रसायनिक कारणों की जांच की जाती है।

थायराइड कैंसर के निदान के लिए ये प्रक्रियाएं एक-दूसरे से संबंधित हो सकती हैं और उपयुक्त निदान के लिए चिकित्सक की सलाह लेना उचित होता है।

भाग 3: थायराइड कैंसर का उपचार

थायराइड कैंसर का उपचार व्यक्ति के कैंसर के प्रकार, स्थिति और उम्र के आधार पर निर्धारित किया जाता है। यहां हम थायराइड कैंसर के विभिन्न उपचार विकल्पों की चर्चा करेंगे:

  1. शल्य चिकित्सा (सर्जरी): थायराइड कैंसर के सर्जरीकल उपचार में शल्य चिकित्सा का उपयोग किया जाता है जिसमें थायराइड ग्रंथि का भाग या पूरा ग्रंथि हटा दिया जाता है। यह उपचार अधिकांश मामूली स्टेज के थायराइड कैंसर के लिए सबसे सामान्य और प्रभावी होता है।
  2. रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी (आई-131 थेरेपी): इस उपचार में रेडियोएक्टिव आयोडीन का उपयोग किया जाता है जो थायराइड कैंसर को दूर करने में मदद करता है। रेडियोएक्टिव आयोडीन के रूप में आयोडीन धारण करने के लिए चिकित्सक आपको इंजेक्शन देते हैं और यह आयोडीन कैंसरी शरीरिक कोषिकाओं को मारने में मदद करता है।
  3. रेडियोएक्टिव आयोडीन अवशेष थेरेपी (रेडियोएक्टिव आयोडीन अवशेष थेरेपी): सर्जरी के बाद, थायराइड कैंसर के उपचार के एक भाग के तौर पर, रेडियोएक्टिव आयोडीन अवशेष थेरेपी दी जाती है। इसमें शरीर के अवशेष थायराइड कोषिकाओं के लिए रेडियोएक्टिव आयोडीन के इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है जो बाकी कैंसरी कोषिकाओं को नष्ट करता है।
  4. हार्मोन थेरेपी: हार्मोन थेरेपी थायराइड कैंसर के उपचार का एक और विकल्प है। इसमें थायराइड हार्मोन की गठन स्त्राव कम करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है जिससे कैंसर के विकसित होने का खतरा कम हो जाता है।
  5. रेडियोएक्टिव आयोडीन स्कैन (आई-131 स्कैन): यह टेस्ट थायराइड कैंसर के उपचार के बाद दोबारा हो सकता है। इसमें प्राथमिक उपचार के बाद कैंसरी शरीरिक कोषिकाओं को नष्ट करने के लिए रेडियोएक्टिव आयोडीन का उपयोग किया जाता है।
  6. टारगेटेड थेरेपी: यह विकल्प विशेष रूप से थायराइड कैंसर के उच्च-रिस्क समयोगी या पुनरावृत्ति युक्त मामूली कैंसर में उपयोग किया जा सकता है। इसमें कैंसर के विशेष प्रतिष्ठित कोषिकाओं को नष्ट करने के लिए निर्दिष्ट दवाओं का उपयोग किया जाता है।

थायराइड कैंसर के उपचार के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन चिकित्सक द्वारा किया जाता है जो व्यक्ति की स्थिति, उम्र, और कैंसर के स्थान के आधार पर निर्धारित किया जाता है। इसलिए, सही उपचार के लिए चिकित्सक से परामर्श करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

FAQs (पूछे जाने वाले सवाल):

थायराइड कैंसर किस उम्र में सबसे अधिक प्रवृद्धि होता है?

थायराइड कैंसर की प्रवृद्धि के लिए वयस्कता कोई बाधक नहीं है, लेकिन सामान्यतः यह उम्र 30 से 60 वर्ष के बीच में ज्यादातर लोगों में देखा जाता है।

थायराइड कैंसर के लक्षण क्या होते हैं?

थायराइड कैंसर के लक्षण में गले में गांठ, गले में दर्द, सूजन, खांसी और ठहराव, गले में दिक्कत और गांठ के दिक्कत, वजन कमी और साँस लेने में तकलीफ शामिल हो सकती है।

थायराइड कैंसर का निदान कैसे होता है?

थायराइड कैंसर के निदान के लिए शारीरिक परीक्षण, उपचार इमेजिंग, बायोप्सी, थायराइड स्कैन, रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी, रेडियोएक्टिव आयोडीन अवशेष थेरेपी और आई-131 स्कैन जैसे प्रक्रियाएं किए जा सकते हैं।

थायराइड कैंसर का उपचार क्या है?

थायराइड कैंसर के उपचार में शल्य चिकित्सा (सर्जरी), रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी (आई-131 थेरेपी), रेडियोएक्टिव आयोडीन अवशेष थेरेपी (रेडियोएक्टिव आयोडीन अवशेष थेरेपी), हार्मोन थेरेपी, रेडियोएक्टिव आयोडीन स्कैन (आई-131 स्कैन) और टारगेटेड थेरेपी शामिल हो सकते हैं। उपचार का चयन रोगी की स्थिति और कैंसर के स्थान के आधार पर किया जाता है।

थायराइड कैंसर को रोकने के उपाय क्या हैं?

थायराइड कैंसर को रोकने के लिए स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम, सही आहार, थायराइड समस्याओं के सामान्य लक्षणों का ध्यान रखना और रोजाना योगाभ्यास करना महत्वपूर्ण है। यदि आपको किसी भी लक्षण का अनुभव हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और उचित उपचार प्राप्त करें।

कृपया ध्यान दें कि थायराइड कैंसर एक गंभीर रोग है और स्वयं चिकित्सा उपाय करने से बचें। उचित चिकित्सा उपचार और नियमित चेकअप के माध्यम से आप अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं।

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